
मेरी तरह वे भी परेशान हैं बेचारे.........
जब तक पंजे की रेखा बने हुए थे , उनकी भाग्य - रेखा, रेखा की तरह
hot थी लेकिन जैसे ही हुशियारी मारी, रेल ऐसी छूटी कि आज कोई TTE
की नौकरी देने के लिए भी तैयार नहीं है ।
और तो और उनकी अपनी भैंसों तक ने दूध देना बन्द कर दिया है ।
कौतुहलवश मैंने पूछा भैंसों से - क्योंरी ! काहे दूध नाहीं देती हो ?
तो बोलीं - जिसे कोई वोट ही नहीं देता , उसे हम दूध क्यों दें ?
जय हिन्द