रविवार, मार्च 29, 2009

! यू र था बेस्ट !

! थॅंक्स फॉर दी कोमेंटेटर्स !

मेरे ब्लॉग पर, मेरे इंटरव्यू पर, मेरे राय पर, जो देश प्रदेश से जो भी कमेंट्स आए हैं उसमें से बहुत सारे कमेंट रेलवे से संबंधित हैं. वो सरहाणीय हैं.
कुछ लोगों ने भ्रांति कुछ पॉलीटीशन और बहुत लोग भ्रांति पाल लेते हैं, ये सिनेमा में कोई मैं डॅन्स करने जा रहा हूँ, कोई रोल करने जा रहा हूँ. ऐसी बात नहीं है. मैने कहा की राजनीति, पोलिटिशन को डिसक्रेडिटेड किया जा रहा है, डिसरेस्पेक्ट हॉ रहा है फ्रॉम दी एवेरी कॉर्नर ऑफ दी सोसाइटी. और जो नेताओं के प्रति, जो पोलिटिशन है डेमॉक्रेसी में, वो हाई स्ट्रेचर है उँचा स्थान है.
तो बहुत सारे लोग जो रोल कही नेता का जो बनावटी करके दिखाया जाता है फिल्म में कोई बनता है तो उसमें बिल्कुल अजीब वो, हास्यास्पद बात रहती है. इसलिए हम जब पाचवी पास वाला जो था स्टार टी वी पे मैं गया था तो शाहरुख ख़ान को मैने कहा था की देखो पोलिटिशन्स का राजनीति को भ्रष्ट करना, संस्था को यह लोग जो करते हैं, तो अगर आप कोई फिल्म बनाते होगे और नेताओं को भी आप लोगो ने बना के रोल दिया होगा नेता सो कॉल्ड जो बनता है बनावटी, तो ऐसे समी में जहाँ रोल नेता का होगा कोई बात का, तो हमको बुलाना.
फिर भी जो मिस किए हुए लोग उनके लिए मैं बताउँगा की भारतीय रेलवे कल का घाटे का सौदा था एन दी ए सरकार का. बत्तर हालत था. और एक लाख़ करोड़ सर्प्लस मनी हम जेनरेट करके हम मंत्रालय को जब पाँच साल होगा तब छोड़ेंगे, तब बताएँगे लोगों को. उसका ग़ूढ भी मैं लोगों को बताउँगा. थॅंक्स फॉर दी कोमेंटेटर्स , वह जिन लोगों ने कमेंट्स दिया हैं. अंड आय इन्वाइट देम टू कंटिन्यू युवर कॉमेंट्स, गिव मी सो तट आई कॅन टेक बेनेफिट ऑफ इट. आई आम नाट सो, आई विल नाट बेड. आई फील हॅपी. तो जिन्होने लालू यादव को नहीं देखा है, कान से सुना है तो उनके मन में भ्रांतियाँ रहती होंगी.
जिन्होने ताजमहल को देखा नही कान से सुना तो ग़लत परिभाषित करते होंगे. जिन्होने ताजमहल को देखा उनके ज्ञान का, दिमाग़ का कुंडली खुल जाता है और ढंग से विश्लेषण करेंगे . हियर से और हमारे इमेज को जो टार्नीश करने का हमारे जो पोलिटिकल ओपोनेंट्स खास करके इन लोगों ने हमारे इमेज को टार्नीश करने का लगातार देश और प्रदेश में अनर्गल बातें मेरे ज़बान में मोहिमो में, प्रिंट मीडीया के बहुत सारे लोगों ने उस को प्रचारित किया है.
इमेज को टार्निश किया है.कोई चीज़ नज़दीक से देखोगे और जो मेकप करके जो आर्टिस्ट जाते हैं सो वो अलग रूप नज़र आएगा. अब बिना मेकप का देखोगे तो भारी अंतर नज़र आएगा.